इंदिरा गांधी की हत्या और उसके बाद के भयावह 12 घंटे; सरदार पटेल का जन्मदिन भी
इतिहास में आज के दिन से अच्छी और बुरी दोनों तरह की यादें जुड़ी हैं। एक तो भारत को आकार देने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्मदिन है। वहीं, आयरन लेडी यानी इंदिरा गांधी की हत्या का दिन भी यही है। बात 36 साल पुरानी है। 1984 में 30 अक्टूबर को ओडिशा में चुनाव प्रचार से उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी दिल्ली लौटी थीं। उन पर एक डॉक्युमेंट्री बनाने पीटर उस्तीनोव आए हुए थे। 31 अक्टूबर को मुलाकात का वक्त तय था। सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर इंटरव्यू की तैयारी पूरी हो चुकी थी। इंदिरा बाहर निकलीं। सब-इंस्पेक्टर बेअंत सिंह और संतरी बूथ पर कॉन्स्टेबल सतवंत सिंह स्टेनगन लेकर खड़ा था। इंदिरा ने आगे बढ़कर बेअंत और सतवंत को नमस्ते कहा। इतने में बेअंत ने .38 बोर की सरकारी रिवॉल्वर निकाली और इंदिरा गांधी पर तीन गोलियां दाग दीं। सतवंत ने भी स्टेनगन से गोलियां दागनी शुरू कर दीं। एक मिनट से कम वक्त में स्टेनगन की 30 गोलियों की मैगजीन खाली कर दी। साथ वाले लोग तो कुछ समझ नहीं सके। उस समय पीएम आवास पर खड़ी एंबुलेंस का ड्राइवर चाय पीने गया हुआ था। कार से इंदिरा गांधी को एम्स ले गए। शरीर से लगातार खून बह रहा था। ...