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घाटी को 36 हजार करोड़ का नुकसान, सेब के बाग, शिकारे और जेवर बेचकर रोजी-रोटी जुटाने की कोशिश

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कश्मीर घाटी पिछले 11 महीने से डबल लॉकडाउन झेल रही है। पिछले साल अगस्त में धारा 370 हटाने के ठीक पहले यहां एहतियातन लॉकडाउन लगा दिया गया था। सर्दियों में महीने भर के लिए लॉकडाउन खुला भी तो मार्च में कोरोना के कारण फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ा। इन 11 महीनों में कश्मीर घाटी ने पिछले तीन दशक मेंसबसे बड़ा आर्थिक नुकसान झेला है। सुरक्षा के चलते लगने वाले लॉकडाउन में कश्मीरियों ने खुद को हालातके मुताबिक ढाल लिया था। उसका आर्थिक स्थिति पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। लेकिन, इस बार मार सीधे जेब पर पड़ी है। पर्यटन, हॉर्टिकल्चर, पश्मिना-हैंडीक्राफ्ट और ड्राय फ्रूट की बदौलत कश्मीर को आमदनी हासिल होती है। टूरिस्ट सीजन भी शुरू हो चुका है। लेकिन, कोरोना के चलते पर्यटकों से कश्मीर आने की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस साल पश्मीना बुनाई का काम बंद है, केसर पर भी कोरोना का असर हुआ है।सेब और अखरोट को लॉकडाउन से ज्यादा मौसम से नुकसान हुआ है। डल लेक पर 900 से अधिक हाउस बोट बने हैं। लॉकडाउन के कारण सभी पूरी तरह से खाली पड़े हैं। डबल लॉकडाउन में 36 हजार करोड़ का घाटा द कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने डबल लॉकडा...

धारा 370 हटाए जाने के बाद कोई बाहरी जम्मू कश्मीर आकर नौकरियों पर कब्जा न करे इसलिए लाए हैं डोमेसाइल कानून- लेफ्टिनेंट गवर्नर मुर्मू

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जम्मू- कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने डोमेसाइल सर्टिफिकेट को लेकर उठे विवाद को अफवाह करार दिया है। उन्होंने कहा है कि इसका नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं है। पूरे देश में सभी के लिए एक ही नागरिकता कानून है। मुर्मू ने बिना किसी का नाम लिए दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं को सरंक्षण देने के लिए हमप्रोटेक्शन लॉ लेकर आए हैं। ताकि यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके, उनका हक कोई और नहीं छीन सके। उन्होंने कहा कि वेस्टपाकिस्तानी रिफ्यूजी, वाल्मीकिसमाज के लोग और गोरखा यहां आजादी के बाद से रह रहे हैं। लेकिन, इन्हें स्टेट सब्जेक्ट का दर्जा नहीं मिला। जम्मू कश्मीर की बेटियां जो दूसरे राज्यों में शादियां करती थीं उनकाभी स्टेट सब्जेक्ट खत्म हो जाता था। इन सब के प्रोटेक्शन के लिए हमने यह लॉ बनाया है। जिनके पास पहले स्टेट सब्जेक्ट है, उन्हें ऑटोमेटिक डोमेसाइल सर्टिफिकेट मिल जाएगा। लेफ्टिनेंट गवर्नर मुर्मू ने भास्कर से हुई खास बातचीत में अमरनाथ यात्रा, आतंकवाद, पंचायती राज और ई गवर्नेंस पर बात की - मुर्मू ने बताया कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्...

1 जुलाई से राज्य के लोग कर सकेंगे बद्रीनाथ और केदारनाथ के दर्शन, कोरोना की वजह से पुजारी और समितियां अभी यात्रा शुरू करने के पक्ष में नहीं

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नेशनल अनलॉक की प्रक्रिया में 1 जुलाई से उत्तराखंड के चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री मंदिरराज्य के आम दर्शनार्थियों के लिए खुल जाएंगे। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानमप्रबंधन बोर्ड ने 29 जून को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से मंदिर समितियां और पुजारी अभी दर्शन शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं। इस संबंध में हमने बद्रीनाथ के रावल ईश्वरप्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवनचंद्र उनियाल, केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित विनोद प्रसाद शुक्ला, गंगोत्री मंदिर समिति अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, यमनोत्री मंदिर समिति सचिव कृतेश्वर उनियाल से बात की है। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि चारधाम दर्शन के लिए आने वाले लोगों को बोर्ड की वेबसाइट https://ift.tt/31RZQAk पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद ही मंदिरों में दर्शन करने की अनुमति मिलेगी। भक्तों को अपने साथ ई-पास और फोटो आईडी अनिवार्य रूप से रखना होगा। इनके आधार पर जिला पुलिस धाम क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति देगी। अन्य राज्य के लोगों को, क्वारैंटाइन किए गए, कंटेंमेंट और बफर झोन से आने वाले लोगों ...

मौत का खतरा डॉक्टरों को कम, सिक्योरिटी गार्ड को ज्यादा, ब्रिटेन में 4700 मरीजों पर हुई रिसर्च का नतीजा

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कोरोना से मौत का खतरा डॉक्टरों से दोगुना फैक्ट्री के मजदूरों और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे लोगों को है। यह आंकड़ा ब्रिटेन के विशेषज्ञों ने अलग-अलग क्षेत्र में काम कर रहे 4700 कोविड-19 के मरीजों के डेटाका एनालिसिस करने के बाद जारी किया है। रिपोर्ट में 9 मार्च से 25 मई के बीच 20 से 64 साल के कोरोना पीड़ितों को शामिल किया था। रिसर्च में सामने आया कि एक लाख लोगों पर 74 पुरुष सिक्योरिटी गार्ड और 73 फैक्ट्री वर्कर की कोरोना से मौत हुई। 1 लाख लोगों पर 30 स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हुई वहीं, स्वास्थ्य कर्मियों में यही आंकड़ा अलग रहा है। इनमें 1 लाख लोगों पर 30 स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हुई। विशेषज्ञों के मुताबिक, एम्बुलेंस स्टाफ में संक्रमण का खतरा 82.4 फीसदी रहा, जो सबसे ज्यादा था। हालांकि, हमारा मकसद यह बताना नहीं है कि डॉक्टरी पेशे के मुकाबले ये नौकरियांखतरनाक हैं बल्कि, लोगों को सावधान रखना है। गार्ड और मजदूर सबसे ज्यादा सम्पर्क में आए विशेषज्ञों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान भी फैक्ट्री वर्करों ने लगातार काम किया। जब कोरोना के मामले तेजी से फैल रहे थे तो वो लोगों के सम्पर्क में भी आए...

बोर्ड पर लिखा- अपराध, मगर बिहार में अल्ट्रासाउंड से बेटी देखकर 8000 रुपए में ही ले रहे हैं हत्या की ‘सुपारी’

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लॉकडाउन से ठीक पहले पूरे बिहार में 25 दिनों तक 11 जिलों के 95 अल्ट्रासाउंड लैब की दैनिक भास्कर ने पड़ताल की। सामने आए कोरोना से भी खतरनाक वायरस, जो अजन्मे बच्चियों को आपकी सोच से भी ज्यादा क्रूरता से मारते हैं...इसके लिए सौदा करते हैं। हमारे स्टिंग में 30 सेंटरों ने भ्रूण का लिंग बताने की गारंटी दी। कोरोना महामारी के दौरान हमने कोरोना से जंग को ही प्राथमिकता दी। हमने इन सेंटरों पर लगातार नजर रखी। लॉकडाउन के दौरान ये बंद रहे। अब लॉकडाउन हटा तो हमारी टीम दोबारा इन सभी सेंटरों पर पहुंची। यहां ये धंधा फिर उसी तरह चलने लगा था। टीम को सात लैब ऐसे भी मिले, जो किसी पहचान वाले को लाए बगैर रेट बताने को तैयार नहीं हुए। भास्कर टीम ज्यादा खुलकर डील करने वाले 10 जिलों के 21 लैब के स्टिंग ऑपरेशन में सामने ला रही कि यहां मां के पेट में पल रहे भ्रूण का लिंग बताने को डॉक्टर, नर्स या स्टाफ उसी तरह तैयार हैं, जैसे मांस की दुकानों पर कसाई तैयार बैठे रहते हैं। कई क्लिनिक तो बेटी होने पर गर्भ गिराने का पैकेज तक बनाए बैठे हैं। औरंगाबाद में भास्कर टीम ने कम दिनों की गर्भवती महिला को लैब तक ले जाकर स्टिंग कि...

कोरोना वैक्सीन कोई भी खोजे, पर भारत में बने तभी दुनिया को ज्यादा फायदा, सस्ती और आसानी से मिलेगी: स्वामीनाथन

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कोरोना का संक्रमण कब खत्म होगा, वायरस के लिए कौन है जिम्मेदार, दवा या वैक्सीन बाजार में कब आ सकती है, डब्ल्यूएचओ की टीम जांच के लिए अभी तक चीन क्यों नहीं जा पाई? इन सवालों के जवाब दुनियाभर के लोग जानना चाहते हैं। इन्हीं सवालों को लेकर भास्कर के वरिष्ठ संवाददाता पवन कुमार ने डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन से बात की। पढ़िए बातचीत के मुख्य अंश... सवालः डब्ल्यूएचओ यह बताने की स्थिति में है कि दुनिया कोरोना की चपेट में कैसे आई, कहां चूक हुई? जवाबः डब्ल्यूएचओ समेत अधिकांश देशों को पता था कि इस तरह का वायरस किसी भी वक्त दुनिया को चपेट में ले सकता है। इसके लिए डब्ल्यूएचओ और अन्य कई एजेंसियां 15-20 सालों से सचेत कर रही थीं, पर इसे बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लिया गया। किसी भी देश ने तैयारी नहीं की, इसलिए समस्या बढ़ गई। सवालः यदि चीन वायरस के बारे में समय से जानकारी साझा करता तो क्या स्थिति ऐसी भयावह होती? जवाबः चीन ने पिछले साल 31 दिसंबर को इंफ्लुएंजा जैसी बीमारी के बारे में बताया, 4 जनवरी को डब्ल्यूएचओ ने भी इसकी जानकारी दी और 11 जनवरी को कोरोना की पुष्टि भी कर दी थी। ...

टीवी पर फिर नजर आएंगे सुशांत सिंह राजपूत, दिवंगत एक्टर की याद में दोबारा शुरू होगा उनका पॉपुलर शो ‘पवित्र रिश्ता'

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सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद ज़ी अनमोल चैनल एक बार फिर उनके सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले टीवी शो को दर्शकों के सामने ला रहा है। चैनल उन्हें श्रद्धांजलिदेते हुए उनके सबसे पॉपुलर शोज में से एक ‘पवित्र रिश्ता‘ का पुनः प्रसारण करने जा रहा है। ये वही शो है, जिसने उन्हें घर-घर में जाना पहचाना नाम बना दिया था। सुशांत ने इस शो में मानव देशमुख का रोल निभाया था, जिसके लिए इस एक्टर को खास तौर पर याद किया जाता है। ऐसे समय पर जब सारा देश उन्हें याद कर रहा है और लोग इस बेहतरीन कलाकार की सर्वश्रेष्ठ परफॉर्मेंस देखना चाहते हैं, तब चैनल ने दर्शकों को इस शो से दोबारा जोड़ने का प्रयास किया है। पवित्र रिश्ता' में दो लोगों की एक खूबसूरत प्रेम कहानी बताई गई थी 'पवित्र रिश्ता' का पुनः प्रसारण इस एक्टर को एक भावभीनी श्रद्धांजलि होगी, जिसमें उनका टैलेंट देखकर सभी की पुरानी यादें ताजा हो जाएंगी। 'पवित्र रिश्ता' में मध्यमवर्गीय परिवारों के दो लोगों की एक खूबसूरत प्रेम कहानी बताई गई थी। जहां मानव देशमुख एक आम गैराज मैकेनिक और अपने परिवार का अकेला कमाने वाले व्यक्ति है, वहीं अर्चना करं...

सूरज से भी ज्यादा ऊर्जा पैदा करने वाला सबसे बड़ा परमाणु फ्यूजन प्रोजेक्ट फ्रांस में बन रहा, इसका कूलिंग सिस्टम भारत ने बनाया

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धरती पर सूरज से ज्यादा ऊर्जा पैदा करने के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के तहत भारत सबसे अहम योगदान करने जा रहा है। फ्रांस के कादार्शे में डेढ़ लाख करोड़ रुपए की लागत से बन रहे दुनिया के सबसे बड़े परमाणु फ्यूजन प्रोजेक्ट के लिए मंगलवार को सूरत के हजीरा से ‘क्रायोस्टेट’ का अंतिम हिस्सा भारत से रवाना किया जाएगा। इसे एलएंडटी ने बनाया है। क्रायोस्टेट स्टील का हाई वैक्यूम प्रेशर चैम्बर होता है। आसान शब्दों में कहें तो जब कोई रिएक्टर बेहद गर्मी पैदा करता है, तो उसे ठंडा करने के लिए एक विशाल रेफ्रिजरेटर चाहिए होता है। इसे ही क्रायोस्टेट कहते हैं। इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (आईटीईआर) प्रोजेक्ट के सदस्य देश हाेने के नाते भारत ने इसे बनाने की जिम्मेदारी चीन से छीन ली थी। इस प्रोजेक्ट के तहत 15 करोड़ डिग्री सेल्सियस तापमान पैदा होगा, जो सूर्य की कोर से 10 गुना ज्यादा होगा। क्रायाेस्टेट का कुल वजन 3850 टन है। इसका 50वां और अंतिम हिस्सा करीब 650 टन वजनी, 29.4 मीटर चाैड़ा और 29 मीटर ऊंचा है। रिएक्टर फ्रांस के कादार्शे में बन रहा है। विश्वव्यापी लॉकडाउन के बावजूद भारत इसके हिस्से को बनाकर...

बोर्ड पर लिखा- अपराध, मगर बिहार में अल्ट्रासाउंड से बेटी देखकर 8000 रुपए में ही ले रहे हैं हत्या की ‘सुपारी’

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लॉकडाउन से ठीक पहले पूरे बिहार में 25 दिनों तक 11 जिलों के 95 अल्ट्रासाउंड लैब की दैनिक भास्कर ने पड़ताल की। सामने आए कोरोना से भी खतरनाक वायरस, जो अजन्मे बच्चियों को आपकी सोच से भी ज्यादा क्रूरता से मारते हैं...इसके लिए सौदा करते हैं। हमारे स्टिंग में 30 सेंटरों ने भ्रूण का लिंग बताने की गारंटी दी। कोरोना महामारी के दौरान हमने कोरोना से जंग को ही प्राथमिकता दी। हमने इन सेंटरों पर लगातार नजर रखी। लॉकडाउन के दौरान ये बंद रहे। अब लॉकडाउन हटा तो हमारी टीम दोबारा इन सभी सेंटरों पर पहुंची। यहां ये धंधा फिर उसी तरह चलने लगा था। टीम को सात लैब ऐसे भी मिले, जो किसी पहचान वाले को लाए बगैर रेट बताने को तैयार नहीं हुए। भास्कर टीम ज्यादा खुलकर डील करने वाले 10 जिलों के 21 लैब के स्टिंग ऑपरेशन में सामने ला रही कि यहां मां के पेट में पल रहे भ्रूण का लिंग बताने को डॉक्टर, नर्स या स्टाफ उसी तरह तैयार हैं, जैसे मांस की दुकानों पर कसाई तैयार बैठे रहते हैं। कई क्लिनिक तो बेटी होने पर गर्भ गिराने का पैकेज तक बनाए बैठे हैं। औरंगाबाद में भास्कर टीम ने कम दिनों की गर्भवती महिला को लैब तक ले जाकर स्टिंग कि...

दुनिया के दो बड़े देश दोबारा संकट मेंः चीन में 5 लाख लोगों पर वुहान सी सख्ती; अमेरिका में अनलॉक दो हफ्तों में ही फेल

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चीन में कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने सरकार की नींद उड़ा दी है। कोरोना के लगातार आ रहे संक्रमण के मामलों को देखते हुए प्रशासन ने कई सख्त उपाय किए हैं। बीजिंग से 150 किमी दूर हुबेई प्रांत में वुहान जैसी सख्ती की गई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह लॉकडाउन एनशिन में लगाया गया है। इससे करीब 5 लाख लोग प्रभावित होंगे। पिछले 24 घंटों में बीजिंग में कोरोना के 14 नए मरीज मिले हैं। जून मध्य से एक फूड मार्केट के कारण मरीज बढ़कर 311 हो गए हैं। एनशिन की घेराबंदी के बाद प्रशासन ने कहा कि यहां घर से निकलने तक पर पाबंदी होगी। घर का सामान लाने के लिए दिन भर में सिर्फ एक शख्स, एक ही बार बाहर जा सकेगा। किसी भी बाहरी को किसी बिल्डिंग, किसी समुदाय और किसी गाँव में जाने की अनुमति नहीं होगी। नए मामलों में से एक तिहाई मामलों को मार्केट से बीफ और मटन सेक्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। वहां काम करने वाले लोगों को एक महीने के लिए क्वारैंटाइन किया जा रहा है। एनशिन काउंटी से शिंफदी बाजार में ताजे पानी की मछलियां सप्लाई की जाती हैं। उधर, बीजिंग में स्कूलों को फिर से बंद कर दिया गया है। कई स्थानों पर लॉकडाउन है। ...

छाती के एक्स-रे से एआई आधारित उपकरण संक्रमण की संभावना बताएगा

आईआईटी गांधीनगर के अनुसंधानकर्ताओं ने छाती के एक्स-रे से कोविड-19 का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस(एआई) आधारित उपकरण विकसित किया है। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/38aQnam https://ift.tt/eA8V8J

पत्नी का सिंदूर और चूड़ी पहनने से मना करना मतलब शादी अस्वीकार: हाईकोर्ट

अगर कोई हिंदू शादीशुदा महिला हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक संख (शंख से बनी चूड़ी) पहनने और सिंदूर लगाने से इनकार करती है तो इसका मतलब यह है कि उसे विवाह मंजूर नहीं है। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/3igeJ7e https://ift.tt/eA8V8J

हैदराबाद: संक्रमण के डर से ठीक हो चुके मरीजों को नहीं ले जा रहे परिवारवाले

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में संक्रमित होने के डर से ठीक हो चुके 50 मरीजों को उनके परिवारवाले घर ले जाने को तैयार नहीं हैं। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/2NJt5ik https://ift.tt/eA8V8J

बड़ी राहत का संकेत : 19 राज्यों में अब एक जैसा मिल रहा कोरोना का जीनोम

कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिक आगामी दिनों में बड़ी राहत मिलने का संकेत दे रहे हैं। अभी तक कोरोना वायरस के अलग अलग रूप सामने आ रहे थे, लेकिन बीते एक महीने से संक्रमित मरीजों में एक या दो तरह का जीनोम ही दिखाई दे रहा है। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/2BS3n8G https://ift.tt/eA8V8J

स्कूल गेम्स फेडरेशन सिर्फ हाई प्रायोरिटी गेम्स का नेशनल करा सकता है, अंडर-19 खिलाड़ियों को प्राथमिकता

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स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) इस साल सिर्फ ओलिंपिक, हाई प्रायोरिटी और प्रायोरिटी गेम्स का नेशनल टूर्नामेंट करवा सकता है। कोरोना के कारण अभी स्कूल बंद हैं और खिलाड़ियों की प्रैक्टिस भी लगभग ना के बराबर है। एसजीएफआई ने कहा कि गेम्स के आयोजन पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद लिया जाएगा। हाल ही में फेडरेशन को भारत सरकार की ओर से मान्यता मिल गई है। पिछले साल 90 से अधिक गेम्स के नेशनल टूर्नामेंट कराए गए थे। इसमें देश भर के 60 हजार से अधिक खिलाड़ी शामिल हुए थे। एसजीएफआई के महासचिव राजेश मिश्रा ने बताया कि अनलॉक-1 के बाद भी अभी स्कूल बंद हैं। सरकार से अनुमति मिलने के बाद एसजीएफआई टूर्नामेंट करा सकता है। सबसे अधिक नेशनल टूर्नामेंट नवंबर से जनवरी के बीच में होते हैं। कोरोना की स्थिति को देखते हुए देरी से अनुमति मिलती है तो भी महत्वपूर्ण खेलों के नेशनल टूर्नामेंट कराए जा सकते हैं। राज्य अपनी टीम खिलाड़ियों के पिछले साल के प्रदर्शन के आधार पर या फिर ट्रायल के आधार पर बना सकते हैं। क्योंकि समय कम होने के कारण उनके पास टूर्नामेंट को आयोजित करने का समय नहीं होगा। अंडर-19 ...

अगर यह लगता है कि चीन बल प्रयोग का खेल खेल रहा है और उसकी अपेक्षाएं अवास्तविक हैं, तो उसे वहां जमे रहने दो और तुम भी वहीं जमे रहो

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चीनी युद्ध का माहौल क्यों बना रहे हैं? लद्दाख में फौज इकट्‌ठी क्यों कर रहे हैं? वे भारत से क्या चाहते हैं? भारत इस सबका कैसे जवाब दे? इनके जवाब के लिए करीब 20 साल पीछे चलें और देखें कि भारत, पाकिस्तान से कैसे निपट रहा था। और याद करें कि भारत ने किस रणनीतिक दांव की खोज की थी, जिसे ‘बलप्रयोग की कूटनीति’ कहा गया था। शायद जसवंत सिंह या दिवंगत ब्रजेश मिश्र में से किसी एक ने दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद भारत की ओर से शुरू किए गए ‘ऑपरेशन पराक्रम’ के बारे में बताने के लिए इसका प्रयोग किया था। इसके तहत भारत ने सीमाओं पर सैनिकों, भारी फौजी साजो-सामान का ऐसा जमावड़ा किया था, मानो अब जंग होने ही वाली हो। ऐसा ही कुछ आज लद्दाख में एलएसी के उस पार पूरब में होता लग रहा है। चीनी लद्दाख में जमीन के टुकड़े के लिए तो खतरा नहीं मोल ले रहे होंगे। न ही यह ‘सीपीईसी’ को कबूल करवाने या अक्साई चीन के औपचारिक विलय के लिए ही हो सकता है। यह तो कुछ बड़ी ही महत्वाकांक्षा होगी, जो पूरी होने से रही। तब चीन आखिर क्या हासिल करना चाहता है? भारत बेशक पाकिस्तान नहीं है। कभी नहीं हो सकता। लेकिन हम यहां केवल जं...

असली कहानी यह है कि अमेरिका और चीन तलाक की तरफ बढ़ रहे हैं, जिसके कागजातों पर लिखा होगा, ‘कभी न खत्म होने वाले मतभेद’

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ट्रम्प के फन हाउस, माफ कीजिएगा, व्हाइट हाउस के बारे में जॉन बॉल्टन की किताब में मेरी पसंदीदा कहानी वह है, जिसमें राष्ट्रपति ट्रम्प चीन के नेता से ज्यादा अमेरिकी कृषि उत्पाद खरीदने की अपील कर रहे थे, ताकि किसान ट्रम्प को वोट दें और वे फिर चुने जाएं। डोनाल्ड, गिड़गिड़ाना बंद कीजिए। शी जिनपिंग और व्लादिमिर पुतिन दोनों ने आपको वोट देने का फैसला कर लिया है। वे जानते हैं कि जबतक आप राष्ट्रपति हैं, अमेरिका में खलबली रहेगी। शी के लिए इसका मतलब है कि अमेरिका कमजोर आर्थिक प्रतिद्वंद्वी रहेगा और पुतिन के लिए इसका मतलब है कि उनके लोगों के लिए अमेरिका कम आकर्षक लोकतांत्रिक मॉडल रहेगा। वे ये भी जानते हैं कि जब तक आप राष्ट्रपति हैं, अमेरिका कभी भी उनके खिलाफ सहयोगियों का समूह नहीं बना पाएगा, जिससे चीन अपने व्यापार और मानवाधिकारों मसलों के कारण और रूस यूक्रेन और सीरिया मामले के कारण डरता है। ये मैं नहीं कहता। जेनेवा में चीनी व्यापार मध्यस्थ रहे झू शिआयोमिंग ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘अगर बाइडेन जीतते हैं तो यह चीन के लिए खतरनाक होगा क्योंकि वे सहयोगियों के साथ चीन के खिलाफ काम करेंगे, जबकि ट्रम्प अमेरिक...

तिहाड़ के हाई सिक्योरिटी जोन में दुष्कर्म के दोषी की हत्या, अधिकारी बोले- साथी कैदी और मृतक की पुरानी रंजिश थी

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राजधानी की तिहाड़ जेल के हाई सिक्योरिटी जोन में सोमवार को दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे कैदी की हत्या कर दी गई। जेल अधिकारियों ने वारदात को अंजाम देने वाले कैदी और मृतक के बीत पुरानी दुश्मनी की बात बताई है। जेल डीजी संदीप गोयल ने बताया कि मरने वाले का नाम मोहम्मद मेहताब (27) था। वह 2014 में अंबेडकर नगर के एक रेप केस में दोषी पाए जाने के बाद से जेल नंबर 8/9 में बंद था। घटना सोमवार सुबह करीब 6 बजे की है। तब हत्या के दोषी जारिक ने मेहताब पर अचानक हमला बोल दिया। उसने किसी नुकीली चीज से मेहताब की गर्दन, पेट और सीने में कई बार किए। जारिक मर्डर केस में ही 2018 में जेल पहुंचा इसके बाद जेल स्टाफ ने गंभीर रूप से जख्मी मेहताब को जेल में ही फर्स्ट एड दिया और तुरंत दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल पहुंचाया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। हीरा नगर थाने में जाकिर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हुआ है। पूरे मामले की जांच मजिस्ट्रेट की देखरेख में कराई जाएगी। जारिक हत्या के मामले में 2018 से जेल में बंद है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें घटना सोमवार सुबह करीब 6 बजे की है। ह...

तिहाड़ के हाई सिक्योरिटी जोन में दुष्कर्म के दोषी की हत्या, अधिकारी बोले- साथी कैदी और मृतक की पुरानी रंजिश थी

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राजधानी की तिहाड़ जेल के हाई सिक्योरिटी जोन में सोमवार को दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे कैदी की हत्या कर दी गई। जेल अधिकारियों ने वारदात को अंजाम देने वाले कैदी और मृतक के बीत पुरानी दुश्मनी की बात बताई है। जेल डीजी संदीप गोयल ने बताया कि मरने वाले का नाम मोहम्मद मेहताब (27) था। वह 2014 में अंबेडकर नगर के एक रेप केस में दोषी पाए जाने के बाद से जेल नंबर 8/9 में बंद था। घटना सोमवार सुबह करीब 6 बजे की है। तब हत्या के दोषी जारिक ने मेहताब पर अचानक हमला बोल दिया। उसने किसी नुकीली चीज से मेहताब की गर्दन, पेट और सीने में कई बार किए। जारिक मर्डर केस में ही 2018 में जेल पहुंचा इसके बाद जेल स्टाफ ने गंभीर रूप से जख्मी मेहताब को जेल में ही फर्स्ट एड दिया और तुरंत दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल पहुंचाया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। हीरा नगर थाने में जाकिर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज हुआ है। पूरे मामले की जांच मजिस्ट्रेट की देखरेख में कराई जाएगी। जारिक हत्या के मामले में 2018 से जेल में बंद है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें घटना सोमवार सुबह करीब 6 बजे की है। ह...