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इस साल यदि टी-20 वर्ल्ड कप की जगह आईपीएल होता है, तो सभी को फायदा

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आईसीसी की बैठक के बाद भी टी-20 वर्ल्ड कप के आयोजन पर संशय बना हुआ है। आईपीएल भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित है। कोरोना के बाद जुलाई से इंग्लैंड में क्रिकेट की वापसी होगी। लेकिन सभी का ध्यान आईपीएल और टी-20 वर्ल्ड कप पर है। पिछले कुछ हफ्तों से देखा जा रहा है कि दोनों का आयोजन एक-दूसरे पर निर्भर है। अधिकारियों और खिलाड़ियों के बयान से साफ है कि आईपीएल का आयोजन वर्ल्ड कप के स्थान पर ही हो सकता है। कोरोनावायरस की वजह से सभी बोर्ड फाइनेंशियल तौर पर परेशानी झेल रहे हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया भी प्रभावित है। टी-20 वर्ल्ड कप खेला जाता है तो उन्हें 16 टीमें और उनके सपोर्ट स्टाफ को क्वारेंटाइन में रखना होगा। दर्शकों के मैदान में आने पर भी रोक रहेगी। इससे रेवेन्यू में काफी कमी आएगी। आईसीसी को भी अधिक फायदा नहीं होगा। दूसरी तरफ दर्शकों के मामले में आईपीएल की भी यही स्थिति है। आईसीसी और सरकार दोनों की गाइडलाइंस का पालन जरूरी भारतीय क्रिकेट को आईसीसी के साथ ही सरकार की गाइडलाइंस पर भी चलना है। जिस मामले में आईपीएल वर्ल्ड कप से आगे है, वो है टीवी राइट्स। आईपीएल के टीवी राइट्स की वैल्यू आईसीसी टूर्नाम...

पहले हर घंटे 30 से ज्यादा फ्लाइट्स आती-जाती थीं, अब इनकी संख्या 2 ही रह गई, यात्रियों से ज्यादा कर्मचारी नजर आते हैं

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देश में 25 मई से जब घरेलू उड़ानें फिर से शुरू हुईं, तो मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट के हिस्से 50 फ्लाइट्स आईं। पिछले 5 दिनों से यहां हर दिन 25 फ्लाइट्स उड़ान भरती हैं और इतनी ही लैंड करती हैं। हर दिन 700 से ज्यादा फ्लाइट्स के मूवमेंट वाले इस एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट्स की यह संख्या बहुत ही कम है। जो भीड़ और भागदौड़ यहां पहले नजर आती थी, अब वैसा नजारा बिल्कुल दिखाई नहीं देता। औसतन हर घंटे 2 ही फ्लाइट होने के कारण एयरपोर्ट पर सन्नाटा पसरा होता है। हाल यह है कि कभी-कभी तो यात्रियों से ज्यादा एयरपोर्ट कर्मचारी नजर आ जाते हैं। फेस शील्ड, मास्क या पीपीई किट पहने ये कर्मचारी एयरपोर्ट पर कोरोना से बचाव के लिए सभी नियमों का खुद तो पालन करते ही हैं, साथ ही यात्रियों से भी करवाते हैं। यहां कोरोना से बचाव के लिए कुछ नए तरीके भी इजाद किए गए हैं। ऐमें में हम हर दूसरे मिनट में एक फ्लाइट के मूवमेंट वाले देश के इस दूसरे सबसे व्यस्त एयरपोर्ट की कुछ लाइव तस्वीरें आपके लिए लाए हैं.. मुख्य रनवे के पास की फ्लाइट पार्किंग एरिया में एयर इंडिया, स्पाइसजेट, इंडिगो सहित अन्य कई एयरलाइंस के ...

एक्सपर्ट्स की हिदायत- लॉकडाउन में घर से बाहर निकलने को चैलेंज न मानें; युवा कतई न सोचें कि उन्हें कुछ नहीं होगा, क्योंकि वे जवान हैं

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सरकार ने 25 मार्च को देशभर में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। इस दौरान दूध, दवाई जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई जारी रखने के निर्देश थे। ऐसे में कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के एक शख्स कावीडियो वायरल हुआथा। वीडियो में दिख रहा युवक लॉकडाउन में बाहर घूमने के लिए फर्जी दूधवाला बनकर निकला था। हालांकि पुलिस ने जब कड़ाई से पूछा तो उसने सच बता दिया। राजधानी दिल्ली स्थित लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन के साइकोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर कनिका के आहूजा का मानना है किजिन लोगों में रिस्कटेकिंग बिहेवियर होता है, वो ऐसा करते हैं। यानी ऐसे लोग डर की परवाह नहीं करते।इस तरह के काम करने वालों के मन में हमेशा कुछ थ्रिल करने की इच्छा रहती है। कुछ एक्सपर्ट्स जिज्ञासा भी इसका कारण बताते हैं। एक्सपर्ट्स हिदायत देते हैं किलॉकडाउन में घर से बाहर निकलने को चैलेंज की तरह कतई न लें। खासकर,युवा यह न सोचें कि उन्हें कुछ नहीं होगा, क्योंकि वे जवान हैं। करीब दो महीने से चल रहे इस लॉकडाउन के दौरान कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं थीं, जहां लोग न तो मास्क पहन रहेऔर न ही सोशल डिस्टेंसिंगका पालन कर रहे।ऐस...

सिगरेट-तंबाकू से कमजोर न करें अपने फेफड़े, इस बुरी आदत को छोड़ने के लिए सबसे अच्छा मौका है लॉकडाउन

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आज वर्ल्ड नो टोबैको डे है। इस साल की थीम है युवाओं को तम्बाकू और निकोटीन के दूर रखने के साथ उन झांसों से भी बचाना, जिससेकम्पनियां उन्हें धूम्रपान करने के लिए आकर्षित करती है। तम्बाकू से कमजोर हुए फेफड़े कोरोनावायरस को संक्रमण का दायरा बढ़ाने में मुफीद साबित हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) और शोधकर्ताओं ने भी चेतावनी दी है। एक सर्वे कहता है, 27 फीसदी टीनएजर्स ई-सिगरेट पीते हैं। उनका मानना है कि ये स्मोकिंग नहीं सिर्फ फ्लेवर है और सेहत के लिए खतरनाक नहीं। इस पर मेदांता की विशेषज्ञ डॉ. सुशीला का कहना है, यह एक गलतफहमी है, वैपिंग भी सिगरेट पीने जितना खतरनाक है। वर्ल्ड नो टोबैको डे पर जानिए कोरोना और तम्बाकू का कनेक्शन, इस मुद्देपर डब्ल्यूएचओ और मेदांता हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सुशीला कटारिया की सलाह । लॉकडाउन तम्बाकू छोड़ने का सबसे अच्छा समय डॉ. कटारिया कहती हैं, तम्बाकू छोड़ने के लिए लॉकडाउन सबसे अच्छा समय है। तम्बाकू छोड़ने के लिए कम से कम 41 दिन का समय चाहिए होता है। अगर तीन महीने तक कोई तम्बाकू नहीं लेता या स्मोकिंग नहीं करता तो वापस इसे शु...

चीनी कम्पनी सिनोवेट ने कहा- हम 99% सफल होंगे, लेकिन ट्रायल के लिए हमारे यहां अब मरीज नहीं मिले रहे

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चीन मेंबायोटेक कम्पनी सिनोवेट ने कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने की दिशा में काफी आगे बढ़ चुकीहै, लेकिन उसे ट्रायल के लिए मरीज नहीं मिल रहे हैं। कम्पनी का दावा है कि उसका वैक्सीन99 फीसदी तकअसरदार साबित होगा। बायोटेक कम्पनी सिनोवेट का कहना है कि हमने वैक्सीन के 100 मिलियन डोज तैयार करने का लक्ष्य रखा है। वैक्सीन का नाम रखा कोरोनावेक एकेडमिक जर्नल साइंस में प्रकाशित शोध के मुताबिक, कम्पनी ने वैक्सीन का नाम "कोरोनावेक" रखा है। ट्रायल में पाया गया है कियह बंदर को कोरोनावायरस से सुरक्षित रखती है। शोधकर्ता का कहना है कि अगले दौर के ट्रायल के लिए चीन में कोविड-19 के मरीजों की संख्या काकम होना सबसे बड़ी समस्या है। तीसरे दौर के ट्रायल के लिए ब्रिटेन से बातचीत जारी कम्पनी अपने दूसरे दौर का ट्रायल कर रही है जिसमें 1 हजार वॉलंटियरोंको शामिल किया गया है। वैक्सीन का तीसरा ट्रायल ब्रिटेन में किया जाना है और इसके लिए बातचीत चल रही है। शोधकर्ता लुओ बायशन का कहना है कि मैं 99 फीसदी तक निश्चिंत हूं कि ये वैक्सीन कारगर साबित होगी। तस्वीर बायोटेक कम्पनी सिनोवेट के लैब की है जहां दूसरे चरण का ट...

वैज्ञानिकों का नया दावा- वुहान वेट मार्केट से नहीं फैला कोरोना, चीनी चमगादड़ों में पहले से मौजूद था वायरस

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कोरोना महामारी के चार महीने के बादचीनी वैज्ञानिकों नेउस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें दावा किया गया था कि कोरोनावायरस वुहान के वेट मार्केटसे फैला है। यहां के वैज्ञानिकों का कहना है कि वेट मार्केट का रोल एक सुपर स्प्रेडर की तरह है, न कि किसीसोर्स की तरह। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन की इसे लेकर अभी कोई टिप्पणी नहीं आई है। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के विशेषज्ञों ने रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा, कोरोना के संक्रमण का पहला मामला वुहान की बाजार से नहीं आया है। महामारी की शुरुआत में शोधकर्ताओं की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोरोना वुहान के हुनान स्थित सी-फूड मार्केट से फैला। इसे अब चीनी वैज्ञानिकों ने इसे फिरनकार दिया है। डीएनए सबूतों में चमगादड़-पैंगोलिन पर शक वैज्ञानिकों ने डीएनए सबूतों के आधार पर दावा किया है कि नोवल कोरोनावायरस Sars-CoV2 चीनी चमगादड़ों में पहले से मौजूद था। इंसानों में इसके आने में किसी बीच के वाहक जानवर की भूमिका हो सकती है और इसमें पैंगोलिन पर सबसे ज्यादा शक है। चीन के सीडीसी ने भी दिया जवाब वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के ...

विशेषज्ञों की राय: बारिश में बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण, नमी में तीव्र होते हैं वायरस

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अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एपलाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक जेर्ड इवांस कहते हैं कि अभी यह पता नहीं कि सीमित बारिश का असर वायरस पर क्या होगा। हालांकि, अधिकांश विशेषज्ञ यह मानते हैं कि बारिश में नमी के कारण वायरस तीव्र हो जाता है, जिससे बारिश में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ, मेडिसिन और एपिडिमियोलॉजी के प्रोफेसर जेर्ड बेटेन कहते हैं कि बारिश कोरोनावायरस को डायल्यूट (घोलकर कमजोर कर देना) कर सकती है। जिस तरह धूल बारिश के पानी में घुलकर बह जाती है, ठीक वैसे ही यह कोरोनावायरस भी बह सकता है। वहीं कई विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश साबुन के पानी की तरह सतह को डिसइंफेक्ट करने में सक्षम नहीं है। बारिश और कोरोना से जुड़े दो अहम सवाल क्या बारिश से वायरस साफ नहीं हो सकते हैं? यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के मुताबिक, ऐसे मामले भी आए हैं जिनमें 17 दिनों के बाद भी सतह पर कोरोना वायरस पाया गया है। ऐसे में फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता है कि बारिश से किसी सतह, मैदान या कुर्सी पर लगा वायरस साफ हो जाएगा। इसलिए बारिश में अतिरिक्त सावधानी जरूर...

हॉटस्पॉट न्यूयॉर्क में 83 दिन के बाद काम पर लौटेंगे 4 लाख लोग, चर्च भी खुला मगर 10 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं

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अमेरिका में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क सिटी में 8 जून से लॉकडाउन खुल जाएगा। करीब 4 लाख कर्मचारी 83 दिन के बाद काम पर लौट सकेंगे। न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने इसकी घोषणा की है। न्यूयॉर्क सिटी 15 मार्च से बंद है। इस महीने की शुरुआत में न्यूयॉर्क राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी गई थी, लेकिन न्यूयॉर्क सिटी में नहीं दी गई थी। गवर्नर क्यूमो ने कहा है कि न्यूयॉर्क सिटी में अलग-अलग चरणों में लॉकडाउन में ढील दी जाएगी। पहले चरण में निर्माण कार्य, उत्पादन और माल की थोक आपूर्ति की अनुमति दी जा रही है। लोग कृषि, वानिकी और मछली पालन के कार्य दोबारा शुरू कर सकेंगे। न्यूयॉर्क के अन्य 5 क्षेत्र लॉकडाउन में छूट के दूसरे चरण में खोले जाएंगे। इसके तहत रियल एस्टेट सर्विस, खुदरा दुकानें और कुछ हेयर सैलून खोलने की अनुमति होगी। अमेरिका में 17.99 लाख से ज्यादा मरीज और एक लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। न्यूयॉर्क सिटी में 1.99 लाख केस और 20,000 मौतें हुई हैं। टकराव: अमेरिका ने चीनी छात्रों को आने से रोका; चीन बोला- यह नस्लवाद है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीपुल्स लि...

टिड्‌डी को देखकर रंग बदलती है टिड्‌डी, एक छोटा समूह भी 20 गुना तेजी से बढ़ा सकता है अपनी संख्या

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देश के कई राज्य टिडि्डयों के हमले से जूझ रहे हैं। माना जा रहा है कि 25 साल बाद टिडि्डयों का ऐसा हमला हुआ है। दुनिया में यूं देखा जाए तो अफ्रीका, यमन, ओमान, दक्षिणी ईरान टिडि्डयों के प्रजनन के लिए सबसे मुफीद माने जाते हैं। भारत में ये पाकिस्तान के जरिए प्रवेश करती हैं। जहां बलूचिस्तान और खैबर पख्तून प्रमुख ब्रीडिंग क्षेत्र हैं। कृषिवैज्ञानिकों के अनुसार- वर्तमान में पाकिस्तान टिड्डियों का नया प्रजनन स्थल बन गया है। इसलिए राजस्थान में टिड्डियों के बार-बार होने वाले हमले देखने को मिल रहे हैं। पाकिस्तान से भारत में प्रवेश करने वाले टिड्डियों के झुंड ने राजस्थान के आधे से अधिक जिलों को 11 अप्रैल तक कवर कर लिया था। टिड्डियों के हमलों की तीसरी भीषण लहर से गुजर रहा पाकिस्तान पाकिस्तान टिड्डियों के हमलों की तीसरी भीषण लहर से गुजर रहा है। डॉन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सेना ने 5,000 कर्मियों को टिड्डी-रोधी ऑपरेशन में लगाया है इनमेंसे 1,500 कर्मचारी विभिन्न प्रांतों में तैनात किए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा बीते एक दशक में किए गए अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में सबसे खतरनाक...

तिरुपति मंदिर श्रद्धालुओं के हर जत्थे के बाद सैनिटाइज होगा, शिर्डी में प्री-बुकिंग से दर्शन, वृंदावन में बाहरी प्रसाद-माला को मंजूरी नहीं

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केंद्र सरकार ने मंदिरों को 8 जून से सशर्त खोलने की इजाजत दे दी है। ऐसे में देशभर के मंदिर ढाई महीने बाद श्रद्धालुओंके लिए फिर खुल जाएंगे। सभी मंदिरों में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग रखना अनिवार्य होगा। इन स्थितियों में बड़े मंदिरों में अब पहले की तुलना में प्रतिदिन एक तिहाई श्रद्धालुओं को ही दर्शन का मौका मिल पाएगा। श्रद्धालु मुख्य विग्रह के सामने तीन से पांच सेकंड तक ही रुक सकेंगे। दंडवत करने का मौका नहीं मिलेगा। जानिए किस मंदिर में कैसी व्यवस्था संभव है- तिरुपति मंदिर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के अध्यक्ष वाईवी सुब्बारेड्‌डी ने बताया कि वेंकटेश्वर मंदिर में थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क और साेशल डिस्टेंसिंग रखते हुए दर्शन कराएंगे। श्रद्धालु समूह में न आएं, इसके लिए परिसर पथ पर गोले बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं का हर जत्था निकलने के बाद मंदिर सैनिटाइज होगा। बार-बार सैनिटाइजेशन के चलते प्रवेश का समय भी कम होगा। श्रद्धालु सुबह पांच से रात नौ बजे तक ही दर्शन कर सकेंगे। हालांकि, पूजा का क्रम सुबह साढ़े तीन बजे शुरू होगा। अंतिम पूजा के बाद मंदिर रात साढ़े ग्यारह बजे बंद होंगे। वैष्णोदेवी श्र...

विशेषज्ञों की राय: बारिश में बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण, नमी में तीव्र होते हैं वायरस

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अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एपलाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक जेर्ड इवांस कहते हैं कि अभी यह पता नहीं कि सीमित बारिश का असर वायरस पर क्या होगा। हालांकि, अधिकांश विशेषज्ञ यह मानते हैं कि बारिश में नमी के कारण वायरस तीव्र हो जाता है, जिससे बारिश में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ, मेडिसिन और एपिडिमियोलॉजी के प्रोफेसर जेर्ड बेटेन कहते हैं कि बारिश कोरोनावायरस को डायल्यूट (घोलकर कमजोर कर देना) कर सकती है। जिस तरह धूल बारिश के पानी में घुलकर बह जाती है, ठीक वैसे ही यह कोरोनावायरस भी बह सकता है। वहीं कई विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश साबुन के पानी की तरह सतह को डिसइंफेक्ट करने में सक्षम नहीं है। बारिश और कोरोना से जुड़े दो अहम सवाल क्या बारिश से वायरस साफ नहीं हो सकते हैं? यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के मुताबिक, ऐसे मामले भी आए हैं जिनमें 17 दिनों के बाद भी सतह पर कोरोना वायरस पाया गया है। ऐसे में फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता है कि बारिश से किसी सतह, मैदान या कुर्सी पर लगा वायरस साफ हो जाएगा। इसलिए बारिश में अतिरिक्त सावधानी जरूर...

हॉटस्पॉट न्यूयॉर्क में 83 दिन के बाद काम पर लौटेंगे 4 लाख लोग, चर्च भी खुला मगर 10 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं

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अमेरिका में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क सिटी में 8 जून से लॉकडाउन खुल जाएगा। करीब 4 लाख कर्मचारी 83 दिन के बाद काम पर लौट सकेंगे। न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने इसकी घोषणा की है। न्यूयॉर्क सिटी 15 मार्च से बंद है। इस महीने की शुरुआत में न्यूयॉर्क राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी गई थी, लेकिन न्यूयॉर्क सिटी में नहीं दी गई थी। गवर्नर क्यूमो ने कहा है कि न्यूयॉर्क सिटी में अलग-अलग चरणों में लॉकडाउन में ढील दी जाएगी। पहले चरण में निर्माण कार्य, उत्पादन और माल की थोक आपूर्ति की अनुमति दी जा रही है। लोग कृषि, वानिकी और मछली पालन के कार्य दोबारा शुरू कर सकेंगे। न्यूयॉर्क के अन्य 5 क्षेत्र लॉकडाउन में छूट के दूसरे चरण में खोले जाएंगे। इसके तहत रियल एस्टेट सर्विस, खुदरा दुकानें और कुछ हेयर सैलून खोलने की अनुमति होगी। अमेरिका में 17.99 लाख से ज्यादा मरीज और एक लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। न्यूयॉर्क सिटी में 1.99 लाख केस और 20,000 मौतें हुई हैं। टकराव: अमेरिका ने चीनी छात्रों को आने से रोका; चीन बोला- यह नस्लवाद है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीपुल्स लि...

अनलॉक-1: 68 दिनों की बंदी के बाद कल से धीरे-धीरे खुलेगा देश का ताला, नियम तोड़ने पर होगी ये सजा

बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच देश को फिर से पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने 68 दिनों की बंदी के बाद चरणबद्ध तरीके से बंदिशें हटाने का एलान कर दिया। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/3eCncim https://ift.tt/eA8V8J

केरल में दो दिन पहले पहुंचा मानसून, स्काईमेट के एलान पर मौसम विभाग का इनकार

निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने शुक्रवार को केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून के दस्तक देने का एलान किया। हालांकि भारतीय मौसम विभाग ने इसे खारिज करते हुए कहा कि अभी परिस्थितियां इसके एलान की नहीं हैं। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/2yO4XHD https://ift.tt/eA8V8J

कोरोना रोगियों के नमूने रखने के लिए बनेंगे 16 जैव बैंक, शोध में मिलेगी मदद

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए शोध तथा परीक्षणों को बढ़ावा देने के लिए देश में 16 जैव (बायो-रिपॉजिटरी) बैंक के लिए आईसीएमआर ने परिपत्र जारी किया है। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/2B9F9Xd https://ift.tt/eA8V8J

तलाक के मामले में केरल हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, बहू से घर का काम कराना आम बात

तलाक के मामले में केरल हाईकोर्ट ने एक बड़ी टिप्पनी की है। कोर्ट ने कहा है कि बड़ों का छोटों को डांटना और कभी-कभार उनसे अपशब्द कहना आम बात है। बहू से घर के काम कराना भी सामान्य बात है। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/2TXIO14 https://ift.tt/eA8V8J

तय समय पर ही होगा महाकुंभ लेकिन बदल सकता है स्वरूप, विदेशी पर्यटकों में भी आ सकती है कमी

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मार्च 2021 में हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन होना है। कोरोनावायरस के चलते इसे आगे बढ़ाने को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। हरिद्वार के कुछ संतों का मत है कि मेला एक साल के लिए आगे बढ़ाना चाहिए, ये 2022 में होना चाहिए। उत्तराखंड सरकार ने भी लॉकडाउन के चलते कुंभ से जुड़े कुछ कामों पर रोक लगा दी है। हालांकि, मेले को आगे बढ़ाने पर अभी कोई विचार नहीं किया जा रहा है, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी स्पष्ट किया है कि मेला आगे बढ़ाया नहीं जा सकता है क्योंकि ये सनातन परंपरा का मामला है। अभी इस पर विचार नहीं किया जा रहा है। मेला प्रशासन ने भी ये स्पष्ट किया है कि अखाड़ा परिषद की सहमति के बिना कोई फैसला नहीं होगा। अभी मेले की तैयारियां जारी हैं। हरिद्वार महाकुंभ में अभी लगभग 7 महीने के समय शेष है। राज्य सरकार के लिए ये प्रतिष्ठा वाला आयोजन है। इसके लिए बड़े पैमाने पर खर्च भी किया जा रहा है। महाकुंभ को विश्वस्तरीय स्वरूप देने के लिए अभी तक उत्तराखंड सरकार करीब 400 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। इस कुंभ मेले में लगभग 5 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान था। लेकिन, अब अनुमान है कि कुंभ के भव्य स्व...

झुग्गी में रहने वाले बच्चों को स्कूल बुलाने टीचर ने मोबाइल नंबर लिया था, अब उसी पर लेसन भेज देती हैं, कई बार टीचर ही रिचार्ज भी कराती हैं

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'My name is Kareena. I am student of Class 5.. पढ़ना अच्छा लगता है मुझे। मेरी मैम पढ़ाती हैं ऑनलाइन मोबाइल में। .... Early to bed and early to rise....' दस साल की करीना के पिता मोची हैं और मां मंदिर की सफाई करती हैं। उसका भाई सूरज 6 साल का और बहन काजल 7 साल की है। उत्तर प्रदेश के नोएडा की एक बस्ती में रहने वाले इन बच्चों के पास चिलचिलाती धूप में पहनने के लिए चप्पल भी नहीं, लेकिन पढ़ने का जज्बा जरूर है। ABCD पढ़ना इन्हें पसंद है। और सरकारी स्कूल भले ही बंद हो, लेकिन इनकी टीचर इन्हें वॉट्सऐप के जरिए पढ़ाती हैं। करीना की मां कविता देवी गरीबी और लॉकडाउन में काम ना होने की मार झेल रही हैं। वो कहती हैं, ‘मैसेज आ जाता है तो बच्चों को दिखा देती हूं और वो काम कर लेती है। उतना पढ़ाई तो नहीं होती लेकिन हल्की फुल्की पढ़ाई हो जाती है।’ करीना कहती हैं, ‘मेरी मैम का नाम अनु शर्मा है। फरवरी से जब हमारा स्कूल चालू था तबसे ही हमारा वॉट्सऐप चालू है। मैम ने सभी बच्चों कानंबर लिया था। इसलिए क्योंकि जो बच्चा स्कूल नहीं आता था उसको वॉट्सऐप करके स्कूल बुला लेती थीं। फिर लॉकडाउन में उसी से ही ऑनलाइ...