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उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को उम्मीद, समय से शुरू होगा मानसून सत्र

उपराष्ट्रपति व राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने बुधवार को उम्मीद जताई है कि सरकार जिस तरह से कदम उठा रही है उससे लगता है कि संसद का मानसून सत्र समय से शुरू हो जाएगा। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/3f35Z2F https://ift.tt/eA8V8J

टीएस तिरुमूर्ति होंगे संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, सैयद अकबरूद्दीन की जगह लेंगे

विदेश मंत्रालय में सचिव टीएस तिरुमूर्ति को बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/2VOfo6R https://ift.tt/eA8V8J

ट्रैवल इंडस्ट्री की मुर्दानगी ऐसी कि पर्यटन को उकसाने वाले ही अब लोगों को स्टे-होम का पाठ पढ़ाने को मजबूर हैं

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कोरोनावायरस पैंडेमिक से ज़माने भर में सफरबाज़ों की दुनिया उलट-पुलट हो गई है। ट्रैवल इंडस्‍ट्री में हड़कंप है, सफर बिखर गए हैं और मंज़िलों पर सन्‍नाटा है। सीज़न में फुल की तख्‍़ती लगाए एयरबीएनबी, होटल-होमस्‍टे वीरान हैं; वॉटर-पार्क, एंटरटेनमेंट पार्क, थियेटर, म्‍युज़‍ियम, गैलरियां, कैथेड्रल, मंदिर-मस्जिद, मकबरे, कैफे, बार, रेस्‍टॉरेंटों में मुर्दानगी छायी है। डिज्‍़नीलैंड ने कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया है, पर्यटन को उकसाने वाले ही अब लोगों को #स्‍टेहोम #ट्रैवलटुमौरो का पाठ पढ़ाने की मजबूरी से गुजर रहे हैं। वर्ल्‍ड ट्रैवल एंड ट‍ूरिज्‍़म काउंसिल ने आखिरकार वो बम गिरा ही दिया जिसका अंदेशा था। डब्ल्यूटीटीसी के मुताबिक, कोरोनावायरस पैंडेमिक के चलते दुनियाभर में ट्रैवल इंडस्‍ट्री से जुड़ी करीब 10 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं और इनमें साढ़े सात करोड़ तो जी20 देशों में होंगी। यानी भारत के पर्यटन उद्योग पर भी भारी खतरा है। डब्‍ल्‍यूटीटीसी की अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी ग्‍लोरिया ग्‍वेवारा ने कहा, ‘हालात बहुत कम समय में और तेजी से बिगड़े हैं। हमारे आंकड़ों के मुताबिक, ट्रैवल एं...

55% सैंपल पॉजिटिव आ रहे थे, अब 6%; 286 सैंपल में से 19 पॉजिटिव, 3 की मौत

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(नीता सिसौदिया) मध्य प्रदेश मेंकोरोना के हॉटस्पॉट बने इंदौर के लिए बुधवार को राहतभरी खबर आई। शहर में 286 सैंपल में 19 नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं। 267 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। यानी पॉजिटिव रेट 6.64% रह गया। इसके साथ ही कुल मरीजों की संख्या 1485 हो गई है। हालांकि, इसी दौरान तीन और लोगों की मौत भी हुई है। तीनों मृतक पुरुष हैं। इनकी उम्र 40 से 69 वर्ष के बीच है। लॉकडाउन के जिस दूसरे चरण ने इंदौर की चिंता बढ़ाई थी, उसी के अंतिम दौर में मरीजों की संख्या धीरे-धीरे कम होती जा रही है। 44 मरीज डिस्चार्ज दूसरे चरण की शुरुआत में कुल सैंपल में पॉजिटिव की संख्या 55.59 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। वो अब घटने लगी है। इसी बीच, बुधवार को तीन अस्पतालों से 44 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। अरबिंदो अस्पताल से 38, चोइथराम से 5 और एमआर टीबी अस्पताल से एक मरीज घर रवाना हुआ। सुदामा नगर निवासी श्रद्धा शर्मा ने बताया कि वो 16 अप्रैल को अरबिंदो अस्पताल में भर्ती हुई थीं। डॉक्टर्स, नर्स और स्टाॅफ की सेवा से स्वस्थ हुईं। कैलाश लहरी, सुरभि समाधिया, प्रवीण पोद्दार, संजू शर्मा औरजय रांका भी डिस्चार्ज हुए। आज ...

कोरोना वर्ल्ड वॉर-3 से कम नहीं है, हम कई चुनौतियों को पार करते आए हैं, हम इसे भी पार कर लेंगे: श्री श्री

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बुधवार को फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने ‘हार्ट टू हार्ट’ सीरिज के पहले कार्यक्रम में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से बातचीत की। कार्यक्रम की शुरुआत अभिनेता इरफान खान को श्रद्धांजलि देकर की। बातचीत में काेरोना, प्रेम, रिश्ते, रूढ़ियों, आध्यात्मिकता और धर्म जैसे विषय आए। श्री श्री ने कहा कोरोना विश्वयुद्ध से कम नहीं है। पढ़िए मुख्य अंश- जौहर: आपने एक बार कहा था कि आपको दुख तभी होता है, जब दूसरों का दुख देखते हैं? श्री श्री: दुख हमारे विश्वास का कोर नहीं है। जैसे परमाणु की संरचना होती है। उसके काेर में पॉजिटिव प्रोटोन और न्यूट्रॉन होते हैं। निगेटिव पार्टिकल उसके आसपास घूमते हैं। ऐसे ही हम सब के भीतर खुशी और आनंद है। दुख इसके चारों ओर घूमता रहता है। जब हम खुद काे पहचान लेते हैं, तो पाते हैं कि दुनिया में खुशी दुख से ज्यादा है। दुख गहराई देता है। खुशी विस्तार देती है। जौहर: धर्म व अध्यात्म में क्या फर्क है। श्री श्री: आध्यात्म लोगों को जोड़ता है। हम पदार्थ और आत्मा दोनों से मिलकर बने हैं। शरीर, एम्यूनो एसिड, कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन से बना है। आत्मा आनंद, उत्साह, दया, चरित्...

अमेरिका के सबसे बड़े मॉल ऑपरेटर ने कहा- कल से 10 राज्यों में खुलेंगे 49 मॉल

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(सपना माहेश्वरी और माइकल कोकरी) कोरोनावायरस महामारी ने अब तक सबसे ज्यादा तबाही अमेरिका में मचाई है। यहां संक्रमित लोगों की संख्या 10 लाख के पार हो गई है। मरने वालों का आंकड़ा भी 60 हजार के करीब है। लेकिन, अमेरिका महामारी से जंग के बीच अपनी अर्थव्यवस्था को भी खोलने की कोशिश में लगा है। देश के सबसे बड़े मॉल ऑपरेटर सिमन प्रॉपर्टी ग्रुप ने कहा है कि वह शुक्रवार से करीब 10 राज्यों में अपने मॉल खोलने की शुरुआत कर रहा है। यह ग्रुप इन राज्यों में कुल 10 मॉल खोलेगा। गाइडलाइन भी तैयार सिमन प्रॉपर्टी ग्रुप ने मॉल खोलने को लेकर अपनीगाइडलाइन भी तैयार कर ली है। मॉल के सिक्युरिटी ऑफिसर्स और यहां काम करने वाले कर्मचारी ग्राहकों को सोशल डिस्टेंसिंग और हाइजीन के बारे में नियमित तौर पर बताते रहेंगे। मॉल के अंदर खेलने वाले एरिया और पीने के पानी के नल फिलहाल बंद रहेंगे। वॉशरूम में हर एक सिंक के बाद दूसरे सिंक पर टेप लगा होगा। यानी अगर कोई एक सिंक चालू है तो उसके ठीक पास वाला सिंक बंद रहेगा। यूरिनल के साथ भी ऐसा ही किया जाएगा। ग्रुप ने अपनी इस योजना का डॉक्यूमेंट 27 अप्रैल को एक मेमो के जरिए अथॉरिटीज तक पह...

अमेरिका में 14 साल पहले दो वैज्ञानिकों ने पहली बार बुश सरकार के सामने सोशल डिस्टेंसिंग नीति बनाने का प्रस्ताव रखा था, पर अधिकारियों ने खिल्ली उड़ा दी थी

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एरिक लिप्टन और जेनिफर स्टीनहाऊर. कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका है। अब तक 60 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। यदि 14 साल पहले कुछ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग कानून (फेडरल पॉलिसी) के प्रस्ताव को खारिज न किया जाता तो...इस मौत की त्रासदी को रोका जा सकता था। ऐसा (उपरोक्त बातें) अमेरिका के दो वरिष्ठ सरकारी चिकित्सक डॉ. रिर्चड हैशे और डॉ. कार्टर मेकर का कहना है। वर्तमान में डॉ. हैशे कैंसर विशेषज्ञ सलाहकार के तौर व्हाइट हाउस में, जबकि डॉ. मेकर वेटरन्स अफेर्यस विभाग में एक चिकित्सक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। दोनों ने न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार से अमेरिका में सोशल डिस्टेंसिंग नीति के जन्म और उसके खारिज होने की कहानी को साझा किया। पढ़िए डॉ. हैशे और डॉ. मेकर की जुबानी...सामाजिक दूरी के जन्म की अनकही कहानी... अधिकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग नीति के प्रस्ताव की खिल्ली उड़ाई, कहा- घर में दुबकने से बेहतर है महामारी की दवा खोजी जाए डॉ. मेकर कहते हैं कि यह करीब 14 साल पहले की बात होगी। मैं और डॉ. हैशे वॉशिंगटन के उपनगरीय स्थित एक बर्गर शॉप में अपने कुछ सहयोगियों के सा...

46% लोग भीड़ वाली जगहों पर नहीं जाएंगे, 51% को हेल्थकेयर सुधरने की उम्मीद: रिपोर्ट

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कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन की वजह से दुनिया में करीब 400 करोड़ लोग अपने घरों में कैद हैं। 31 लाख से ज्यादा मरीज और दो लाख से ज्यादा मौतेंहोने के बावजूद अभी तक कोरोना का कोई वैक्सीन या इलाज नहीं खोजा जा सका है। ऐसे में लॉकडाउन कब और कैसे खुलेगा, इसे लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं। इसी मामले परग्लोबल डेटा एजेंसी स्टेटिस्टा ने कोविड-19 बैरोमीटर जारी किया है। इसके जरिए यह जानने की कोशिश की गई है कि कोरोना संकट के बाद हमारी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा, रोजमर्रा की जिंदगी में क्या-क्या बदलाव आ सकते हैं। 49 फीसदी लोगों ने कहा है कि वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाएंगे। 51 फीसदी ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद जताई है। बैरोमीटर अमेरिका को ध्यान में रखकर बनाया गया रिपोर्ट के मुताबिक, यह बैरोमीटर अमेरिका को ध्यान में रखकर बनाया गया है, लेकिन इसे वैश्विक स्तर यानी दुनिया परभी लागू किया जा सकता है। 10 में 4 लोगों को उम्मीद है कि कोरोना संकट के बाद वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ेगा। 50% लोगों ने कहा कि वे जब भी बाहर जाएंगे, तो बिना मास्क के नहीं जाएंगे। Download Dainik Bhaskar App to read Late...

डॉक्टर ने अपने समर्पण से कई कोरोना पीड़ितों को ठीक किया, दूसरों का दर्द देखा नहीं जाता था, आखिर में जान दे दी

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(अली वाटकिंस, माइकल रोथफेल्ड) अमेरिका में कई काेरोना वायरस मरीजों का इलाज कर चुकी एक डॉक्टर ने जान दे दी। मरीजों का इलाज करते-करते वो खुद इनफेक्टेड हो गईं थीं। डॉक्टर लोर्ना एम ब्रीन की मौत दरअसल,डाॅक्टरों पर कोराेना के मानसिक असर को सामने ले आई है। डॉक्टर ब्रीन न्यूयॉर्क के प्रेस्बिटेरियन एलन अस्पताल में इमरजेंसी डिपार्टमेंट की मेडिकल डायरेक्टर थीं। 200 बेड के इस अस्पताल में 170 कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टर लोर्नाकाे कोई मानसिक बीमारी नहीं थी डॉ ब्रीन के पिता डॉ फिलिप ने बताया कि लोर्ना ने कोरोना मरीजों के डरावने मंजर देखे। वो अपना काम पूरी लगन से कर रही थीं। कोरोना संक्रमण से ठीक होकर वह घर तो आ गईं, लेकिन कुछ दिनों बाद वापस अस्पताल जाने लगीं। फिर हमने उन्हें रोका और उसे चार्लोट्सविले ले आए। 49 साल की लोर्ना काे कोई मानसिक बीमारी नहीं थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि कुछ अजीब और अलग लग रहा है। वो निराश लग रहीं थीं। मुझे ऐसा लगा कि कुछ गलत हो रहा है। उन्होंनेमुझे बताया था कि मरीज अस्पताल के सामने एम्बुलेंस से उतारने से पहले ही दम तोड़ रहे हैं। अस्पताल ने कहा- डॉ ल...

निमरत कौर ने कहा इरफान बस यही कहते थे - जब भी अपने हक का वक्त आए तो उसे पूरी तरह जी लो

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एक्ट्रेस निमरत कौर इरफान खान के साथ फिल्म 'लंचबॉक्स' में नजर आ चुकी हैं। ऐसे में इरफान खान के निधन के बाद को-एक्टर ने उनकी कही बातों को याद करते हुए इसे इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा नुकसान बताया है। एक्ट्रेस ने कहा, ‘इरफान बहुत ही उम्दा इंसान थे और अपनी जड़ों से जुड़े हुए इंसान और मिडल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते थे। मैंने उनके साथ एक फिल्म जरूर की है लेकिन उस फिल्म में हमारे एक भी सीन साथ में नहीं है, लेकिन जब भी हम प्रमोशंस के लिए एक दूसरे के साथ जाया करते थे, मुझे उन्हें जानने का मौका मिला और खासकर तब जब कान्स फिल्म फेस्टिवल में फ़िल्म रिलीज हुई थी उस वक्त। अगर उनके सेंस ऑफ ह्यूमर की बात करे तो वो बहुत ही बेहतरीन था। लोगों की ओर उनके देखने का नजरिया काफी अलग था और उनकी दुनिया को लेकर एक अलग ही सोच थी और वही उनके काम में भी झलकता था बहुत ज्यादा’। फिल्म लंचबॉक्स का पोस्टर। आगे उन्होंने बताया, ‘मुझे याद है जब कान्स फिल्म फेस्टिवल में लंच बॉक्स रिलीज हुई थी जब फिल्म का प्रीमियर था उसके बाद आसपास बहुत शोर था फ़िल्म लोगो को बहुत पसंद आयी थी। सराह रहे थे फ़िल्म को और जब एकाएक ही सा...

‘चाणक्य' के आखिरी दिन शूट ख़त्म होने के बावजूद घंटों सेट पर ही बैठे रहे थे इरफान, नम आंखों से बोले थे - थैंक यू

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एक्टर इरफान खान ने फिल्मों में अपनी पहचान बनाने से पहले कई टेलीविजन शो में बेहतरीन किरदार निभाए हैं। इरफानके निधन पर 'चाणक्य' सीरियल के डायरेक्टर और राइटर डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने उनका एक किस्सा याद किया है। उन्होंने बताया है कि शो के आखिरी दिन इरफान घंटो सेट पर बैठे हुए थे। चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने इरफान को याद करते हुए बताया, ‘1990 में इरफ़ान खान से मुलाकात हुई थी। उस वक्त में चाणक्य सीरियल की तैयारी कर रहा था। इरफ़ान का पहला काम मैंने 'भारत एक खोज' में देखा था जिसमे उनका काम लाजवाब था। उनके एक मित्र हैं इशांत त्रिवेदी जो की नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के उनके बैच मेट भी थे। मैंने उनसे इरफ़ान के बारे में पूछा और उन्हें अपनी शो में लेने की बात रखी।जब 'भारत एक खोज' की शूटिंग ख़त्म हुई तब मेरी मुलाकात इरफ़ान से हुई, उस वक्त में 'चाणक्य' के पायलट की तैयारी कर रहा था’। 'चाणक्य' शो के किरदार में इरफान खान। आगे उन्होंने कहा, ‘मुझे अब भी याद हैं जिस दिन इरफ़ान का आख़िरी दिन था 'चाणक्य' के सेट पर वो शूटिंग ख़त्म होने के बावजूद सेट से गए नहीं थे। मैं उ...

पेकअप के बाद अगले दिन की स्क्रिप्ट के लिए पीछे पड़ जाते थे इरफान, 'द ग्रेट मराठा' और 'चंद्रकांता' के शाहबाज खान ने याद किया किस्सा

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एक्टर इरफान खान अपने टेलीविजन करियर के दौरान एक्टर शाहबाज खान और मुकेश खन्ना के साथ दो सीरियल्स द ग्रेट मराठा और चंद्रकांता में काम कर चुके हैं। एक्टर के अचानक हुए निधन पर उनके को-एक्टर्स ने उनके काम और लगन का किस्सा सुनाते हुए पुराने दिनों को याद किया है। सेट पर हर कोई उनकी सरलता और मेहनत की तारीफकरता था ‘मैंने और इरफ़ान खान ने सबसे पहले 'द ग्रेट मराठा' में काम किया था जिसे संजय खान ने प्रॉड्यूस किया था। उस शो में वे नजीब खान रोहिला का किरदार निभा रहे थे। शूटिंग के दौरान, सेट पर हर कोई उनकी सरलता और मेहनत की तारीफ़ करता था। मुझे याद हैं हमारे डायरेक्टर कहां करते थे की इरफ़ान तुम्हारे अंदर कला का भंडार हैं जिसके बारे में उन्हें खुद नहीं पता। बतौर एक्टर तो लोग उनसे प्रोत्साहित होते ही हैं लेकिन उससे ज्यादा उनकी रियल ज़िन्दगी काफी प्रोत्साहित हैं। जब कुछ नहीं था तब तो वे सरल और साधी ज़िन्दगी जीते ही थे लेकिन सब कुछ होने के बाद भी उन्होंने अपनी सादगी नहीं छोड़ी। मैंने उनकी ज़िन्दगी के दोनों पहलु देखें हैं’। पेकअप के बाद भी असिस्टेंट डायरेक्टर को पकड़कर उनके पीछे पड़ जाते थे: 'द ग्...

अच्छी खबर: भारत में वैक्सीन का ट्रायल जल्द, आठ वैज्ञानिक दलों को मिली सफलता

वैक्सीन के लिए भारतीय वैज्ञानिकों का शोध अब जानवरों के ट्रायल के स्तर पर पहुंच चुका है। एक या दो सप्ताह में यह परीक्षण शुरू होगा। इसमें सफलता के बाद इसका इंसानों पर परीक्षण होगा। from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://ift.tt/2KIKYfJ https://ift.tt/eA8V8J

46% लोग भीड़ वाली जगहों पर नहीं जाएंगे, 51% को हेल्थकेयर सुधरने की उम्मीद: रिपोर्ट

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कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन की वजह से दुनिया में करीब 400 करोड़ लोग अपने घरों में कैद हैं। 31 लाख से ज्यादा मरीज और दो लाख से ज्यादा मौतेंहोने के बावजूद अभी तक कोरोना का कोई वैक्सीन या इलाज नहीं खोजा जा सका है। ऐसे में लॉकडाउन कब और कैसे खुलेगा, इसे लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं। इसी मामले परग्लोबल डेटा एजेंसी स्टेटिस्टा ने कोविड-19 बैरोमीटर जारी किया है। इसके जरिए यह जानने की कोशिश की गई है कि कोरोना संकट के बाद हमारी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा, रोजमर्रा की जिंदगी में क्या-क्या बदलाव आ सकते हैं। 49 फीसदी लोगों ने कहा है कि वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाएंगे। 51 फीसदी ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद जताई है। बैरोमीटर अमेरिका को ध्यान में रखकर बनाया गया रिपोर्ट के मुताबिक, यह बैरोमीटर अमेरिका को ध्यान में रखकर बनाया गया है, लेकिन इसे वैश्विक स्तर यानी दुनिया परभी लागू किया जा सकता है। 10 में 4 लोगों को उम्मीद है कि कोरोना संकट के बाद वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ेगा। 50% लोगों ने कहा कि वे जब भी बाहर जाएंगे, तो बिना मास्क के नहीं जाएंगे। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भा...

अमेरिका के सबसे बड़े मॉल ऑपरेटर ने कहा- कल से 10 राज्यों में खुलेंगे 49 मॉल

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(सपना माहेश्वरी और माइकल कोकरी) कोरोनावायरस महामारी ने अब तक सबसे ज्यादा तबाही अमेरिका में मचाई है। यहां संक्रमित लोगों की संख्या 10 लाख के पार हो गई है। मरने वालों का आंकड़ा भी 60 हजार के करीब है। लेकिन, अमेरिका महामारी से जंग के बीच अपनी अर्थव्यवस्था को भी खोलने की कोशिश में लगा है। देश के सबसे बड़े मॉल ऑपरेटर सिमन प्रॉपर्टी ग्रुप ने कहा है कि वह शुक्रवार से करीब 10 राज्यों में अपने मॉल खोलने की शुरुआत कर रहा है। यह ग्रुप इन राज्यों में कुल 10 मॉल खोलेगा। गाइडलाइन भी तैयार सिमन प्रॉपर्टी ग्रुप ने मॉल खोलने को लेकर अपनीगाइडलाइन भी तैयार कर ली है। मॉल के सिक्युरिटी ऑफिसर्स और यहां काम करने वाले कर्मचारी ग्राहकों को सोशल डिस्टेंसिंग और हाइजीन के बारे में नियमित तौर पर बताते रहेंगे। मॉल के अंदर खेलने वाले एरिया और पीने के पानी के नल फिलहाल बंद रहेंगे। वॉशरूम में हर एक सिंक के बाद दूसरे सिंक पर टेप लगा होगा। यानी अगर कोई एक सिंक चालू है तो उसके ठीक पास वाला सिंक बंद रहेगा। यूरिनल के साथ भी ऐसा ही किया जाएगा। ग्रुप ने अपनी इस योजना का डॉक्यूमेंट 27 अप्रैल को एक मेमो के जरिए अथॉरिटीज तक पह...

डॉक्टर ने अपने समर्पण से कई कोरोना पीड़ितों को ठीक किया, दूसरों का दर्द देखा नहीं जाता था, आखिर में जान दे दी

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(अली वाटकिंस, माइकल रोथफेल्ड) अमेरिका में कई काेरोना वायरस मरीजों का इलाज कर चुकी एक डॉक्टर ने जान दे दी। मरीजों का इलाज करते-करते वो खुद इनफेक्टेड हो गईं थीं। डॉक्टर लोर्ना एम ब्रीन की मौत दरअसल,डाॅक्टरों पर कोराेना के मानसिक असर को सामने ले आई है। डॉक्टर ब्रीन न्यूयॉर्क के प्रेस्बिटेरियन एलन अस्पताल में इमरजेंसी डिपार्टमेंट की मेडिकल डायरेक्टर थीं। 200 बेड के इस अस्पताल में 170 कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टर लोर्नाकाे कोई मानसिक बीमारी नहीं थी डॉ ब्रीन के पिता डॉ फिलिप ने बताया कि लोर्ना ने कोरोना मरीजों के डरावने मंजर देखे। वो अपना काम पूरी लगन से कर रही थीं। कोरोना संक्रमण से ठीक होकर वह घर तो आ गईं, लेकिन कुछ दिनों बाद वापस अस्पताल जाने लगीं। फिर हमने उन्हें रोका और उसे चार्लोट्सविले ले आए। 49 साल की लोर्ना काे कोई मानसिक बीमारी नहीं थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि कुछ अजीब और अलग लग रहा है। वो निराश लग रहीं थीं। मुझे ऐसा लगा कि कुछ गलत हो रहा है। उन्होंनेमुझे बताया था कि मरीज अस्पताल के सामने एम्बुलेंस से उतारने से पहले ही दम तोड़ रहे हैं। अस्पताल ने कहा- डॉ ल...

रथयात्रा पर सस्पेंस, लॉकडाउन बढ़ा तो टूट सकती है 280 साल की परंपरा या बिना भक्तों के निकलेगी रथयात्रा

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लगभग 280 साल में ये पहला मौका होगाजब कोरोना वायरस के चलते रथयात्रा रोकी जा सकती है। ये भी संभव है कि रथयात्रा इस बार बिना भक्तों के निकले।हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। 3 मई को लॉकडाउन के दूसरे फेज की समाप्ति के बाद ही आगे की स्थिति को देखकर इस पर निर्णय लिया जाएगा। 23 जून को रथ यात्रा निकलनी है। अक्षय तृतीया यानी 26 अप्रैल से इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। मंदिर के भीतर ही अक्षय तृतीया और चंदन यात्रा की परंपराओं के बीच रथ निर्माण की तैयारी शुरू हो गई है। मंदिर के अधिकारियों और पुरोहितों ने गोवर्धन मठ के शंकराचार्य जगतगुरु श्री निश्चलानंद सरस्वती के साथ भी रथयात्रा को लेकर बैठक की है, लेकिन इसमें अभी कोई निर्णय नहीं हो पाया है। नेशनल लॉकडाउन के चलते पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से पुरी मंदिर बंद है। सारी परंपराएं और विधियां चुनिंदा पूजापंडों के जरिए कराई जा रही है। गोवर्धन मठ (जगन्नाथ पुरी) के शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी निश्चलानंदजी सरस्वती ने मंदिर से जुड़े लोगों को सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करते हुए रथयात्रा के लिए निर्णय लेने की सलाह दी है। मठ का मत ही इसमें सबस...

अमेरिका में 14 साल पहले दो वैज्ञानिकों ने पहली बार बुश सरकार के सामने सोशल डिस्टेंसिंग नीति बनाने का प्रस्ताव रखा था, पर अधिकारियों ने खिल्ली उड़ा दी थी

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एरिक लिप्टन और जेनिफर स्टीनहाऊर. कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका है। अब तक 60 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। यदि 14 साल पहले कुछ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग कानून (फेडरल पॉलिसी) के प्रस्ताव को खारिज न किया जाता तो...इस मौत की त्रासदी को रोका जा सकता था। ऐसा (उपरोक्त बातें) अमेरिका के दो वरिष्ठ सरकारी चिकित्सक डॉ. रिर्चड हैशे और डॉ. कार्टर मेकर का कहना है। वर्तमान में डॉ. हैशे कैंसर विशेषज्ञ सलाहकार के तौर व्हाइट हाउस में, जबकि डॉ. मेकर वेटरन्स अफेर्यस विभाग में एक चिकित्सक के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। दोनों ने न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार से अमेरिका में सोशल डिस्टेंसिंग नीति के जन्म और उसके खारिज होने की कहानी को साझा किया। पढ़िए डॉ. हैशे और डॉ. मेकर की जुबानी...सामाजिक दूरी के जन्म की अनकही कहानी... अधिकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग नीति के प्रस्ताव की खिल्ली उड़ाई, कहा- घर में दुबकने से बेहतर है महामारी की दवा खोजी जाए डॉ. मेकर कहते हैं कि यह करीब 14 साल पहले की बात होगी। मैं और डॉ. हैशे वॉशिंगटन के उपनगरीय स्थित एक बर्गर शॉप में अपने कुछ सहयोगियों के सा...

कैंसर से लड़ते हुए कहा था- मरा नहीं हूं, काम से जिंदा रहने दो

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शांत चेहरे और आंखों से अदाकारी से ‘मकबूल’ 53 साल के इरफान खान नहीं रहे। उन्हें न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर (कैंसर) था। आंतों में संक्रमण होने पर उन्हें मंगलवार काे अस्पताल लाया गया, जहां बुधवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। 4 दिन पहले उनकी मां सईदा बेगम का भी निधन हो गया था। इस मौके पर उनकी आखिरी फिल्म अंग्रेजी मीडियम के निर्देशक होमी अदजानिया ने इरफान के बारे में कुछ लिखा। आप भी पढ़िए। होमी ने बताया कि जिंदगी के आखिरी पलों में भी अपने काम से जिंदा रहने की ख्वाहिश इरफान में ही थी। वे जीवन के सर्कस काे बाहर खड़े हाेकर देखते थे। मैंने उनसे पूछा कि जब वह इलाज करवा रहे हैं ताे शूटिंग क्याें जारी रखना चाहते हैं? उन्हाेंने कहा- ‘मैं मरा नहीं हूं ना...ताे मुझे जिस काम से प्यार है, वह करके जिंदा रहने दाे।’ हमारा फिल्म क्रू मजबूती के लिए उनकी ओर ही देखता था। इरफान ने कभी अपनी समस्या काे दूसराें की समस्या नहीं बनाया। फिल्म तो बन रही थी, लेकिन हममें से किसी काे पक्का पता नहीं था कि आगे क्या हाेने वाला है। जब इरफान ने अनजान लोगों से भी खूब बातें कीं होमी ने कहा कि हम लंदन में रेस्तरां में थे कि र...

इंसानी कोशिका को पूरी तरह घेरकर उसमे घुस जाता है कोरोनावायरस, 20 लाख गुना बड़ा करके उतारी तस्वीरों से पता चला

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अमेरिका और ब्राजील के दो संस्थानों ने कोविड-19 फैलाने वाले कोरोनावायरस SARS-COV-2 की स्पष्ट तस्वीरें उतारे में सफलता पाई हैं। इन तस्वीरों को इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोस्कोप की मदद से उतारा गया है। इसके लिए माइक्रोस्कोप में वायरस के संक्रमण की स्थिति को 20 लाख गुना बड़ा करके देखा गया जिसमें पता चला कि किस तरह से यह वायरस इंसानी कोशिका को पूरी तरह घेर लेता है और उसके अंदर घुस जाता है। इसके बार वायरसउसके ही जीवन रस औरप्रोटीन के साथ जुड़कर कोशिका कोनष्ट होने पर मजबूर करदेता है। ये नईतस्वीरें अमेरिका के मैरीलैंड स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज (एनआईएआईडी) इंटीग्रेटेड रिसर्च फैसिलिटी (आईआरएफ) फोर्ट फोर्ट्रिक, नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट(एनआईएच) और ब्राजील के ओसवाल्डो क्रूजफाउंडेशन के वैज्ञानिकों ने अलग-अलग प्रयोगों के दौरान उतारी हैं। भारत में भी बीते महीनेनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के शोधकर्ताओं ने कोरोनावायरस की पहली तस्वीरें ली हैं। वैज्ञानिकों नेट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का उपयोग करते हुए, लेंस की मदद से ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जिससे सैम्पल को बीस लाख गुना ब...